शुक्रवार, 15 जून 2007

नकली पासपोर्ट बनाने वाले गिरोह के तीन को जेल

देहरादून। देश-विदेश में अनेकों जगह कार्यालय खोलकर नकली पासपोर्ट बनाने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह के तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया और अदालत में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया। इनके कब्जे से दर्जनों नकली पासपोर्ट और जाली दस्तावेज बरामद हुए हैं। स्थानीय अभिसूचना इकाई (एलआईयू) के प्रभारी पंकज गैरोला ने बताया कि एलआईयू ने नकली पासपोर्ट बनाने वाले एक ऐसे अंतरराष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश करने में सफलता पाई है जिसने भारत, नेपाल, साईप्रस, अफगानिस्तान, फ्रांस, दक्षिण अफ्रीका, सिंगापुर और थाईलैंड आदि देशों में अपने कार्यालय खोलकर एजेंट बैठा रखे हैं तथा अब तक अनेक बेरोजगारों को विदेश भेजने के झांसे देकर उनसे लाखों रुपये हड़प चुके हैं। उन्होंने बताया कि बृहस्पतिवार को इस गिरोह के तीन लोगों को गिरफ्तार किया और उनके पास से दर्जनों नकली पासपोर्ट और दस्तावेज बरामद किए गए हैं। गैरोला के अनुसार दिल्ली निवासी विशाल गौतम ने शिकायत की कि दिल्ली में एक ऐसा गिरोह है जिसने अलग-अलग शहरों में अपनी ट्रेवेल्स एजेंसियां खोल रखीं हैं और बेरोजगारों को विदेश भेजने के नाम पर दो से ढाई लाख रुपये के प्रति व्यक्ति लेते हैं। विशाल गौतम ने बताया कि गिरोह के एक सदस्य शेरबहादुर की देहरादून में ससुराल है। गैरोला ने बताया कि इस सूचना के आधार पर स्थानीय अभिसूचना इकाई ने शेरबहादुर को गिरफ्तार कर लिया। शेरबहादुर के साथ उसके वाहन में तीन अन्य लोग भी थे जिन्होंने अपने नाम रामप्रसाद भेंटवाल निवासी गाजियाबाद, सीताराम और नील बहादुर दोनों नेपाल निवासी बताए। इनमें से एक नील बहादुर ने बताया कि उससे शेरबहादुर और रामप्रसाद तथा सीताराम ने पासपोर्ट बनाने के लिए ढाई लाख रुपये लिए तथा वह पिछले तीन दिनों से इन लोगों के साथ है। कड़ाई से पूछताछ करने के बाद इन तीनों बताया कि रायपुर में त्रिपुरा ओवरसीज के नाम से ट्रेवेल एजेंसी खोल रहे थे।

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