मंगलवार, 12 जून 2007

डेनमार्क: भारत से बच्चे गोद लेने पर रोक

कोपेनहेगन। डेनमार्क ने भारत से बच्चे गोद लेने की संपूर्ण व्यवस्था पर रोक लगा दी है। यह कदम एक समाचार चैनल द्वारा स्कैडिनेवियाई देशों में गोद लिए गए कुछ बच्चों का अपहरण होने के दावे करने संबंधी खबरों के प्रसारित होने के बाद उठाया गया। डेनमार्क के उपभोक्ता एवं पारिवारिक मामलों के मंत्री केरिना क्रिसटेनसेन ने कहा कि मैं इस तरह की खबरों से चिंतित हूं। उन्होंने कहा कि डेनमार्क अस्थाई तौर पर भारत से बच्चों के गोद लेने की संपूर्ण व्यवस्था पर रोक लगा रहा है जब तक हम इस बात से आश्वस्त नहीं हो जाएं कि भारत से बच्चे गोद लेना पूरी तरह से सुरक्षित है। क्रिसटेनसेन ने अपने देश के अधिकारिकयों को डेनमार्क सरकार से मान्यता प्राप्त एजेंसी एसी इंटरनेशनल चाइल्ड सपोर्ट की जांच करने को कहा। गौरतलब है कि उक्त संगठन पर डीआरआई वृतचित्र में आरोप लगाया गया था कि उसने पुणे के अनाथालय से बिना अनुमति के ही बच्चों के गोद लेने की प्रक्रिया संपन्न करा दिया था। समाचार चैनल पर रविवार को प्रसारित वृतचित्र में रमेश कुलकर्णी ने दावा किया कि उसने अपनी पत्नी की मृत्यु के बाद नौकरी की खोज तक अस्थाई तौर पर अपने बच्चों को प्रीत मंदिर अनाथालय में रखा था। कुलकर्णी ने डीआरआई को बताया कि उसे वर्षो तक अनाथालय में अपने बच्चों से नहीं मिलने दिया गया। इस वर्ष अप्रैल में उसे पता चला कि उसके बच्चों के वर्ष 2003 में एसी इंटरनेशनल चाइल्ड सपोर्ट के जरिए डेनमार्क के किसी व्यक्ति ने गोद लिया है। इस बीच, एसी बोर्ड के अध्यक्ष एंडर्स क्रिसटेनसेन ने कहा कि अगर भारतीय अधिकारियों की जांच में स्पष्ट हो जाता है कि रमेश कुलकर्णी के बच्चों को गलत तरीके से गोद लिया गया है तो यह बेहद दुखदायी घटना होगी। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि भारतीय अधिकारी इस बात का पता लगाएंगे कि वास्तव में कोई अपराध हुआ है या नहीं।

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